Veer Parivaar Sahaayata Yojana: देश की सेवा में जुटे हमारे वीर जवान सीमाओं पर हमारी हिफाजत कर रहे हैं। लेकिन जब वे देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं, तब उनके परिवार अक्सर कई कानूनी परेशानियों का सामना करते हैं जैसे ज़मीन-जायदाद के झगड़े, घरेलू विवाद या पेंशन से जुड़ी समस्याएं। ऐसे समय में कानूनी मदद पाना उनके लिए आसान नहीं होता। इसी चुनौती को समझते हुए अब एक नई पहल शुरू की गई है वीर परिवार सहायता योजना।
कानूनी मदद अब हर फौजी के परिवार के करीब

कारगिल विजय दिवस के पावन अवसर पर नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) ने “वीर परिवार सहायता योजना” की शुरुआत की है। इस ऐतिहासिक योजना की शुरुआत जस्टिस सूर्यकांत (कार्यकारी अध्यक्ष, NALSA) ने की। Veer Parivaar Sahaayata Yojana इस योजना के अंतर्गत देशभर के सैनिक कल्याण बोर्डों में लीगल सर्विस क्लीनिक खोले जा रहे हैं, जो फौजियों और उनके परिवार को पूरी तरह मुफ्त कानूनी सहायता देंगे।
हमारे सैनिक सीमा पर रखवाली करते हैं, अब कानून उनके घर की रखवाली करेगा
Veer Parivaar Sahaayata Yojana जब कोई जवान दुर्गम या सीमावर्ती इलाके में तैनात होता है, तब उसका परिवार कई बार अकेले कानूनी उलझनों का सामना करता है। इसी दर्द को समझते हुए यह योजना लायी गई है। अब कानूनी सलाह लेने के लिए किसी बड़े शहर या वकील के पीछे भागने की ज़रूरत नहीं होगी। लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के पैनल वकील और पैरा-लीगल वॉलंटियर्स हर जरूरतमंद परिवार की मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे।
हमीरपुर और कोहिमा से शुरू होकर अब देशभर में होगा विस्तार
इस योजना के तहत पहला क्लीनिक हमीरपुर में स्थापित किया गया है। इसके साथ ही नागालैंड की राजधानी कोहिमा में राज्य सैनिक बोर्ड में भी एक कानूनी सहायता केंद्र खोला गया है। यह पहल नागालैंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से शुरू की गई है और इसका उद्देश्य रक्षा कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को पेंशन, सेवा संबंधी विवादों और अन्य सिविल मामलों में सहायता देना है।
एक न्यायिक क्रांति की शुरुआत

इस Veer Parivaar Sahaayata Yojana का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने श्रीनगर से वर्चुअली किया। इस मौके पर Northern Command के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। यह पहल उन सभी सैनिकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो देश के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देते हैं। वीर परिवार सहायता योजना न केवल एक कानूनी सहायता कार्यक्रम है, बल्कि यह हमारे फौजियों के प्रति देश की कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक भी है। जब वे हमारे लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, तब यह देश उनकी पीठ पर हाथ रखकर कहता है “अब हम तुम्हारे परिवार के साथ खड़े हैं।”
अस्वीकरण: यह लेख जनहित में लिखित जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, लेकिन किसी भी कानूनी सलाह या व्यक्तिगत निर्णय के लिए संबंधित विभाग या विशेषज्ञ की राय अवश्य लें।
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