Ladli Bahin Yojana: जब सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाएं लाती है, तो उम्मीद होती है कि उनका लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा। लेकिन जब इन योजनाओं में गड़बड़ियों की खबरें सामने आती हैं, तो लोगों का विश्वास डगमगाने लगता है। महाराष्ट्र की ‘मुख्यमंत्री माझी Ladli Bahin Yojana को लेकर कुछ ऐसा ही विवाद अब सुर्खियों में है, जिसने पूरे राज्य में राजनीतिक हलचल मचा दी है।
सुप्रिया सुले ने उठाए गंभीर आरोप, मांगी सीबीआई जांच

Ladli Bahin Yojana एनसीपी (एसपी) की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने इस योजना में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि इस महिला-केंद्रित योजना का लाभ करीब 14,000 पुरुषों को गलत तरीके से दे दिया गया, जिससे राज्य को लगभग 21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस योजना के नाम पर पुरुषों का नाम दर्ज किया जाना गंभीर गड़बड़ी है और इसके पीछे कौन लोग हैं, इसकी जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए।
सरकार पर उठे सवाल, कार्रवाई की मांग तेज
Ladli Bahin Yojana सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार जब छोटे-छोटे मामलों में भी सीबीआई या ईडी की जांच करवाने से पीछे नहीं हटती, तो इतने बड़े मामले में जांच क्यों नहीं कराई जा रही? उन्होंने सत्ताधारी नेताओं से सवाल पूछा कि किन ठेकेदारों या अधिकारियों ने इन पुरुषों का नाम लाभार्थी सूची में दर्ज कराया। उनका कहना है कि यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि योजनागत भ्रष्टाचार है, जिस पर सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे।
अजित पवार का जवाब दोषियों से होगी वसूली
इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए बनाई गई है और इसमें किसी पुरुष को लाभ मिलना पूरी तरह से अनुचित है। Ladli Bahin Yojana पवार ने स्पष्ट किया कि यदि किसी पुरुष को इस योजना का लाभ मिला है, तो उस व्यक्ति से राशि वापस ली जाएगी और यदि वह सहयोग नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लाभार्थियों की सूची में भी मिली अनियमितताएं
Ladli Bahin Yojana अजित पवार ने यह भी बताया कि लाभार्थियों की सूची की दोबारा जांच के दौरान कुछ ऐसी महिलाएं भी पाई गईं जिन्हें सरकारी नौकरी होने के बावजूद योजना का लाभ दिया गया था। अब ऐसी महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
जनता में भ्रम और गुस्सा, उठे सच्चाई जानने की मांग

Ladli Bahin Yojana इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सरकारी योजनाओं का सही संचालन और पारदर्शिता कितना जरूरी है। एक ओर जहां महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में यह योजना एक उम्मीद की किरण बनी थी, वहीं दूसरी ओर इसके दुरुपयोग की खबरें जनता के मन में सरकार की नीयत को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलाएगी या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में ही दफ्न रह जाएगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध समाचार स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत तथ्य और बयान संबंधित नेताओं व अधिकारियों के वक्तव्यों पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी आधिकारिक कार्रवाई या निर्णय के लिए संबंधित विभाग या अधिकृत स्रोत से पुष्टि अवश्य करें।
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