Bima Sakhi Yojana: गाँव की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई शुरुआत

By: Anuj Prajapati

On: Wednesday, July 30, 2025 12:13 PM

Bima Sakhi Yojana: गाँव की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई शुरुआत

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Bima Sakhi Yojana: हमारे देश के गाँवों में आज भी कई महिलाएं सिर्फ परिवार की ज़िम्मेदारियाँ निभाकर रह जाती हैं, लेकिन अब वक्त बदल रहा है। अब महिलाएं सिर्फ घर नहीं, समाज और देश की अर्थव्यवस्था में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं। इसी बदलाव को नई उड़ान देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अनोखी योजना की शुरुआत की है बिमा सखी योजना, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा अवसर

Bima Sakhi Yojana: गाँव की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई शुरुआत

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में इस योजना की शुरुआत को देश की महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा बताया। उनका मानना है कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस दूरदृष्टि का हिस्सा है, जिसमें साल 2047 तक हर नागरिक के लिए बीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया है। इस योजना के तहत, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सहयोग से स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की प्रशिक्षित महिलाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर ‘बिमा सखी’ के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इन बिमा सखियों का मुख्य कार्य गाँवों में बीमा योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना, महिलाओं को बीमा से जोड़ना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना होगा।

बिमा सखियाँ बनेंगी गाँव की आर्थिक संरक्षक

बिमा सखी योजना सिर्फ बीमा तक सीमित नहीं है, यह ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की ओर भी प्रेरित करती है। यह योजना लखपति दीदी मिशन को भी मजबूती देती है, जिसके अंतर्गत सरकार ने 15 अगस्त तक 2 करोड़ लखपति दीदियाँ बनाने का लक्ष्य रखा है। इससे महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा। इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल 5 (लैंगिक समानता) को भी आगे बढ़ाती है और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करती है। इसके माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में महिलाओं को नए रोजगार मिलेंगे, उनके कौशल का विकास होगा और बीमा सेवाएं गाँव-गाँव तक पहुंचेंगी।

सामाजिक बदलाव की नायिकाएँ बनेंगी बिमा सखियाँ

Bima Sakhi Yojana: गाँव की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई शुरुआत

शिवराज सिंह चौहान ने बिमा सखियों को “सामाजिक बदलाव की अग्रदूत” बताया। उन्होंने कहा कि ये महिलाएं न केवल बीमा जैसी जटिल सेवाओं को गाँवों तक पहुंचाएंगी, बल्कि अपने आत्मविश्वास से अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेंगी। इस योजना के माध्यम से महिलाएं परिवारों को आपदा या विपरीत परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा भी देंगी।

उन्होंने सभी राज्यों और साझेदार संस्थाओं से अपील की कि वे इस पहल में भाग लें और इसे देश के कोने-कोने तक पहुँचाएं। यह योजना केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन सकता है, जो भारत को अधिक सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर बनाएगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना से जुड़ने से पहले संबंधित सरकारी पोर्टल या अधिकृत स्रोत से जानकारी अवश्य लें।

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Anuj Prajapati

Anuj Prajapati एक पेशेवर लेखक और मैनेजर हैं, जो Lok Chitra डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं। वे ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, ई-स्पोर्ट्स और ट्रेंडिंग विषयों पर तेज़, सटीक और रोचक खबरें लिखने में माहिर हैं।
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