8th Pay Commission: जब भी वेतन आयोग का नाम लिया जाता है, तो देशभर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के चेहरे पर उम्मीद की एक चमक दिखाई देती है। उन्हें लगता है कि अब कुछ बेहतर होगा, घर का बजट सुधरेगा और जिंदगी थोड़ी आसान हो जाएगी। लेकिन इस बार 8वें वेतन आयोग को लेकर जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने इन उम्मीदों को थोड़ा झटका जरूर दिया है।
8th Pay Commission ने दी थी सबसे कम बढ़ोतरी

2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग ने सिर्फ 14% की वेतन वृद्धि की सिफारिश की थी। यह उस समय के बाद से अब तक की सबसे कम बढ़ोतरी थी। उस वक्त भी लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स ने सरकार से उम्मीद की थी कि अगली बार यानी 8वें वेतन आयोग में इस गलती को सुधारा जाएगा। लेकिन अब जो संकेत मिल रहे हैं, वो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
8th Pay Commission उम्मीद से कम, चिंता से ज़्यादा
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक हालिया रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस बार भी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलना मुश्किल है। रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के तहत सिर्फ 13% की वेतन वृद्धि की सिफारिश की जा सकती है, जो पिछली बार की तुलना में भी कम है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि उनका मनोबल भी प्रभावित हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर में कटौती की संभावना
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर को भी घटाकर 1.8 किए जाने की बात कही गई है, जबकि 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। इसका सीधा मतलब है कि भले ही कागजों पर सैलरी में 80% तक का इज़ाफा दिखे, लेकिन असल में कर्मचारियों के हाथ में सिर्फ 13% की बढ़ोतरी आएगी। क्योंकि जैसे ही नया वेतन ढांचा लागू होगा, वर्तमान में मिल रहा 55% महंगाई भत्ता बंद हो जाएगा।
संसद में उठा मुद्दा, सरकार ने दिया जवाब
सरकारी कर्मचारियों की चिंता को देखते हुए यह मुद्दा लोकसभा में भी उठा। 21 जुलाई 2025 को TR बालू और आनंद भदौरिया जैसे सांसदों ने सरकार से सवाल किए, जिनका जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग के गठन, चेयरपर्सन की नियुक्ति और कार्यकाल से जुड़े फैसले लेगी। इससे यह संकेत जरूर मिला है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है।
अभी बाकी है एक उम्मीद की किरण

हालांकि अभी तक 8th Pay Commission की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन लाखों कर्मचारियों की निगाहें अब भी सरकार की ओर टिकी हैं। उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में सरकार कोई ऐसा फैसला जरूर लेगी, जिससे उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता और सम्मान दोनों बना रहे। यह सिर्फ एक वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि उन परिवारों की उम्मीद है जो सालों से सरकार के फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
8th Pay Commission को लेकर जो भी रिपोर्ट आई है, उसने कहीं न कहीं कर्मचारियों की उम्मीदों को कमजोर किया है। लेकिन जब तक अंतिम फैसला नहीं होता, तब तक हर कर्मचारी के मन में एक आस बनी हुई है। सरकार अगर चाहे तो इस अवसर को भरोसा बहाल करने के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। वास्तविक वेतन वृद्धि और सरकारी निर्णयों की पुष्टि के लिए कृपया आधिकारिक सरकारी अधिसूचनाएं और वेबसाइट की जांच करें। लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है, इसे आधिकारिक घोषणा न माना जाए।
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